Pratyay Kise Kahate Hain : दोस्तों आज हम आप को प्रत्यय के बारे में लेख लिखा है। इस लेख में हमने प्रत्यय किसे कहते हैं, प्रत्यय के भेद इत्यादी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
अक्सर कक्षा 6 से 12 के विद्यार्तियो को प्रत्यय के बारे पूछा जाता है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने Pratyay Ki Paribhasha लिखा है।
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Pratyay Kise Kahate Hain In Hindi
प्रत्यय किसे कहते हैं :- येे वेे शब्द होते हैं जो किसी शब्दांश या किसी अवयव के अंत में लगकर या जुड़कर एक नए शब्द का निर्माण करते है। उन्हें प्रत्यय कहते है।
प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय प्रति का अर्थ होता है। ‘साथ में, पर बाद में” और अय का अर्थ होता है “चलने वाला”, अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला।
जैसे-
लिख्+अक = लेखक
राखन+हारा = राखनहारा
घट+इया = घटिया

Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain
प्रत्यय के प्रकार :- प्रत्यय के दो प्रकार है
1. कृत प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
Kridant Pratyay
1. कृत प्रत्यय :- जो प्रत्यय क्रिया धातु रूप के बाद लगकर नए शब्दों का निर्माण करते हैं उन्हें ‘कृत प्रत्यय’ कहते है| कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं।
हिंदी में कृत प्रत्ययों की संख्या 28 है।
जैसे –
लिख्+अक = लेखक
राखन+हारा = राखनहारा
घट+इया = घटिया
लिख+आवट = लिखावट
ये प्रत्यय क्रिया या धातु को नया अर्थ देते है। कृत् प्रत्यय के योग से संज्ञा और विशेषण बनते है|
कृदंत या कृत प्रत्यय के भेद :- कृत प्रत्यय के भेद के 5 भेद होते है|
(1)कर्तृवाचक कृदंत
(2)कर्मवाचक कृदंत
(3)करणवाचक कृदंत
(4)भाववाचक कृदंत
(5)क्रियावाचक कृदंत
- कर्तृवाचक कृदंत :- जिस प्रत्यय से बने शब्द से कार्य करने वाले अर्थात कर्ता का पता चलता हो, वह कर्तृवाचक कृदंत कहलाता है| जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
आलू | झगड़ा | झगड़ालू |
आक | तैर | तैराक |
हार | हो | होनहार |
अक | लिख | लेखक |
अक | गै | गायक |
- कर्मवाचक कृदंत :- जिस प्रत्यय से बने शब्द से किसी कर्म का पता चलता हो वह कर्मवाचक कृदंत कहलाता है। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
नी | जन | जननी |
औना | बिछ | बिछौना |
ना | गा | गाना |
- करणवाचक कृदंत :- जिस प्रत्यय शब्द से क्रिया के साधन अर्थात कारण को बताते हैं वह करणवाचक कृदंत कहलाता है। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
आ | भटक | भटका |
न | बेल | बेलन |
नी | चट | चटनी |
- भाववाचक कृदंत :- वे प्रत्यय जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा को बताते हैं। जैसे –
प्रत्यय | धातु | शब्द |
आवा | बुला | बुलावा |
आहट | कड़वा | कड़वाहट |
आ | लिख,पढ़ | लिखा,पढ़ा |
- क्रियावाचक कृदंत :- जिस प्रत्यय से बने शब्द से क्रिया के होने का भाव प्रकट हो, वह क्रियावाचक कृदंत कहलाता है। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
हुआ | चलता | चलता हुआ |
हुआ | भागता | भागता हुआ |
हुआ | पढ़ता | पढ़ता हुआ |
Taddhit Pratyay
2. तद्धित प्रत्यय :- जो प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण के पीछे जुड़कर नए शब्द का निर्माण करते हैं ,वह तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। इनके योग से बने शब्दों को ‘तद्धितांत’ अथवा तद्धित शब्द कहते हैं| जैसे –
मानव + ता = मानवता
अच्छा + आई = अच्छाई
अपना + पन = अपनापन
एक + ता = एकता
ड़का + पन = लडकपन
मम + ता = ममता
अपना + त्व = अपनत्व
कृत-प्रत्यय क्रिया या धातु के अन्त में लगता है, जबकि तद्धित प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के अन्त में लगता है।
तद्धित प्रत्यय के भी 6 भेद होते हैं-
- भाव वाचक तद्धित प्रत्यय
- कर्तृ वाचक तद्धित प्रत्यय
- संबंध वाचक तद्धित प्रत्यय
- लघुता वाचक तद्धित प्रत्यय
- गणनावाचक तद्धित प्रत्यय
- स्थान सूचक तद्धित प्रत्यय
1. भाववाचक तद्धित प्रत्यय :- वे प्रत्यय जो संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ जुड़कर भाव को बताते है ,वह भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं|
संज्ञा के अंत में आ, आयँध, आई, आन, आयत, आरा, आवट, आस, आहट, ई, एरा, औती,ता , पन, पा, स इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर भाववाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
इया | खाट | खटिया |
आई | भला | भलाई |
ता | लघु | लघुता |
2. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय :- वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर कार्य करने जिससे किसी के कार्य करने का पता चलता हो ,उसे कर्तृवाचक तद्धित कहते है |
संज्ञा के अंत में आर, इया, ई, एरा, हारा, इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर कर्तृवाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
वाला | चाय | चायवाला |
कार | पत्र | पत्रकार |
आरी | पूजा | पुजारी |
3. संबंध वाचक तद्धित प्रत्यय :- जिस प्रत्यय शब्द से संबंध का पता चलता हो ,उसे सम्बन्धवाचक तद्धित कहते है।
संज्ञा के अंत में आलू, आल, ए, एरा, एल, औती, जा इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर सम्बन्धवाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
आल | ससुर | ससुराल |
एरा | चाचा,मामा | चचेरा,ममेरा |
हाल | नाना | ननिहाल |
4. लघुता वाचक तद्धित प्रत्यय :- जिस प्रत्यय शब्द से लघुता ,प्रियता, हीनता इत्यादि का पता चले ,उसे लघुता वाचक तद्धित प्रत्यय कहते है |
संज्ञा के अन्त में आ, इया, ई, ओला, क, की, टा, टी, ड़ा, ड़ी, री, ली, वा, सा इन प्रत्ययों को लगाकर लघुता वाचक संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
ई | पहाड़,घंटा | पहाड़ी, घंटी |
री | छटा,बांस | छतरी,बांसुरी |
इया | लोटा,खाट | लुटिया,खाट |
5. गणनावाचक तद्धित प्रत्यय :- जिस प्रत्यय शब्द से संख्या का पता चलता हो ,उसे गणनावाचक तद्धित प्रत्यय कहते है |
संज्ञा-पदों के अंत में ला, रा, था, वाँ, हरा इत्यादि प्रत्यय लगाकर गणनावाचक तद्धितान्त संज्ञाए बनती है। जैसे-
चौथा = चौथा
वाँ = पाचवाँ
रा = दूसरा, तीसरा
हरा = इकहरा, दुहरा, तिहरा
6. स्थान सूचक तद्धित प्रत्यय :- जिस प्रत्यय शब्द से किसी स्थान का पता चलता है ,उसे स्थानवाचक तद्धति कहते है |
संज्ञा के अन्त में ई, वाला, इया, तिया इन प्रत्ययों को लगाकर स्थानवाचक संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | धातु | शब्द |
ई | गुजरात | गुजराती |
इया | कलकत्ता | कलकतिया |
अक्सर पूछे गए सवाल –
प्रत्यय शब्द वे शब्द होते हैं जो किसी शब्दांश या किसी अवयव के अंत में लगकर या जुड़कर एक नए शब्द का निर्माण करते है। उन्हें प्रत्यय कहते है।
प्रत्यय के दो प्रकार है
1. कृत प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
हिंदी में कृत प्रत्ययों की संख्या 28 है।
यह भी पढ़ें –
हिंदी में बारहखड़ी सीखिए | Barakhadi In Hindi
विलोम शब्द हिंदी में पढ़िये | Vilom Shabd In Hindi
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