मुनि शब्द रूप | Muni Shabd Roop In Sanskrit

Muni Shabd Roop In Sanskrit :- दोस्तों आज हम आपको मुनि शब्द रूप के बारे में लेख लिखा है। इस लेख में हमने मुनि शब्द रूप, मुनि शब्द के रूप सातों विभक्ति में हिंदी अर्थ, इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

अक्सर कक्षा 6,7,8,9,10 के विद्यार्थियों को मुनि शब्द रूप के बारे में पूछा जाता है। इसलिए विद्यार्थियों की सहायता के लिए हमने Muni Ka Shabd Roop पर लिखा है।

मुनि शब्द रूप | Muni Shabd Roop


मुनि शब्द रूप :- मुनि शब्द इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा है। सभी इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा का शब्द रूप एक प्रकार से ही बनता है। 

इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा के उदाहरण :- कवि, ऋषि, कपि, निधि, रवि, गिरि, अग्नि, जलधि, पयोधि, अरि, मणि, व्याधि, उदधि आदि। निम्न शब्दों के भी शब्द रूप मुनि शब्द रूप की तरह ही बनेंगे। क्योंकि यह सभी शब्द इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा के हैं। 

इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्द :- वह संज्ञा शब्द जिनका लिंग पुल्लिंग हो तथा उनके उच्चारण के अंत में ‘इ’ स्वर की ध्वनि निकले उसे इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्द कहते हैं। 

मुनि शब्द रूप


मुनि शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमामुनिःमुनीमुनयः
द्वितीयामुनिम्मुनीमुनीन्
तृतीयामुनिनामुनिभ्याम्मुनिभिः
चतुर्थीमुनयेमुनिभ्याम्मुनिभ्यः
पंचमीमुनेःमुनिभ्याम्मुनिभ्यः
षष्‍ठीमुनेःमुन्योःमुनीनाम्
सप्‍तमीमुनौमुन्योःमुनिषु
सम्बोधनहे मुने!हे मुनी!हे मुनयः!

मुनि शब्द के रूपों का वाक्यों में प्रयोग


मुनि शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में, हिंदी अर्थ के साथ वाक्यों में प्रयोग नीचे दिये गये हैं:

प्रथमा

  1. मुनिः यज्ञं करोति।
    मुनि यज्ञ करता है।
  2. मुनी यज्ञं कुरुतः।
    दो मुनी यज्ञ करते हैं।
  3. मुनयः यज्ञं कुर्वन्ति।
    बहुत सारे मुनि यज्ञ करते हैं।

द्वितीया

  1. राजा मुनिं प्रणमति।
    राजा मुनि को प्रणाम करता है।
  2. राजा मुनी प्रणमति।
    राजा (दो) मुनियों को प्रणाम करता है।
  3. राजा मुनीन् प्रणमति।
    राजा मुनियों को प्रणाम कता है।

तृतीया

  1. मुनिना यज्ञः क्रियते।
    मुनि के द्वारा यज्ञ किया जाता है।
  2. मुनिभ्यां यज्ञः क्रियते।
    (दो) मुनियों के द्वारा यज्ञ किया जाता है।
  3. मुनिभिः यज्ञः क्रियते।
    मुनियों के द्वारा यज्ञ किया जाता है।

चतुर्थी

  1. राजा मुनये धेनुं ददाति।
    राजा मुनि को गाय देता है।
  2. राजा मुनिभ्यां धेनुं ददाति।
    राजा दो मुनियों को गाय देता है।
  3. राजा मुनिभ्यः धेनुं ददाति।
    राजा बहुत सारे मुनियों को गाय देता है।

पञ्चमी

  1. राजा मुनेः ज्ञानं गृह्णाति।
    राजा मुनि से ज्ञान लेता है।
  2. राजा मुनिभ्याम् ज्ञानं गृह्णाति।
    राजा दो मुनियों से ज्ञान लेता है।
  3. राजा मुनिभ्यः ज्ञानं गृह्णाति।
    राजा बहुत सारे मुनियों से ज्ञान लेता है।

षष्ठी

  1. एषः मुनेः आश्रमः अस्ति।
    यह मुनि का आश्रम है।
  2. एषः मुन्योः आश्रमः अस्ति।
    यह दो मुनियों का आश्रम है।
  3. एषः मुनीनाम् आश्रमः अस्ति।
    यह बहुत सारे मुनियों का आश्रम है।

सप्तमी

  1. राजा मुनौ विश्वसिति।
    राजा मुनि पर विश्वास करता है।
  2. राजा मुन्योः विश्वसिति।
    राजा दोनों मुनियों पर विश्वास करता है।
  3. राजा मुनिषु विश्वसिति।
    राजा सभी मुनियों पर विश्वास करता है।

संबोधनम्

  1. हे मुने! यज्ञं करोतु।
    हे मुनि! यज्ञ करो।
  2. हे मुनी! यज्ञं करोतु।
    हे दोनों मुनियों! यज्ञ कीजिए।
  3. हे मुनयः! यज्ञं करोतु।
    हे मुनियों! यज्ञ कीजिए।
Muni Shabd Roop

FAQ


मुनि शब्द रूप की तृतीया विभक्ति का बहुवचन क्या होगा?

मुनिभिः

मुनि शब्दरूप का पंचमी विभक्ति का एकवचनं क्या होगा?

मुनेः

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