फैराडे का प्रथम व दूसरा नियम | Farade Ka Niyam

Farade Ka Niyam : दोस्तों आज हम आप को फैराडे के नियम के बारे में लेख लिखा है। इस लेख में हमने फैराडे के नियम, फैराडे का प्रथम नियम, फैराडे का दूसरा नियम इत्यादी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

अक्सर कक्षा 11,12 के विद्यार्तियो को फैराडे के नियम के बारे पूछा जाता है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने Faraday Law लिखा है।

Farade Ka Niyam In Hindi


Farade Ka Niyam

फैराडे की विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम :- फैराडे ने अपने प्रयोगों के आधार पर विद्युत चुंबकीय प्रेरण से संबंधित निम्न दो नियम दिए। 

विद्युत चुंबकीय प्रेरण – जब किसी बंद परिपथ में चुम्बकीय फलक्स में परिवर्तन होता है तो प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है। जिससे प्रेरित धारा बहती है। इस घटना को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते है।

Faraday Ka Pratham Niyam


  1. प्रथम नियम :- जब किसी बंद परिपथ से संबद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है। तथा इस प्रेरित विद्युत वाहक बल के कारण प्रेरित धारा उत्पन्न होती है। 

यह विद्युत वाहक बल तब तक रहता है जब तक चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है। 

Faraday Ka Dusra Niyam


  1. दूसरा नियम :- किसी परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर के बराबर होता है। 

अर्थात यदि प्रेरित विद्युत वाहक बल (e/€) हो तो

    e= -dɸ/dt

यदि कुंडली में फेरो की संख्या N हो तो प्रेरित विद्युत वाहक बल

     e= -Ndɸ/dt

             चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन निम्न तीन प्रकार          

से हो सकता है। 

  • कुंडली में उपस्थिति चुंबकीय क्षेत्र को बदल कर या परिवर्तित करके। 
  • कुंडली के क्षेत्रफल में परिवर्तन करके। 
  • कुंडली को चुंबकीय क्षेत्र में घूर्णन करवाकर। 

अक्सर पूछे गए सवाल –

फैराडे का प्रथम नियम क्या है?

जब किसी बंद परिपथ से संबद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है। तथा इस प्रेरित विद्युत वाहक बल के कारण प्रेरित धारा उत्पन्न होती है। 

विद्युत चुंबकीय प्रेरण से क्या तात्पर्य है?

विद्युत चुंबकीय प्रेरण – जब किसी बंद परिपथ में चुम्बकीय फलक्स में परिवर्तन होता है तो प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है। जिससे प्रेरित धारा बहती है।इस घटना को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते है।

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