स्वतंत्रता दिवस पर भाषण 2022 | 15 August Speech In Hindi

15 August Speech In Hindi :-15 अगस्त 2022 को हिंदुस्तान अपना 76 वा स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। और इस आजादी को प्राप्त करने के लिए हमारे देश के कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया जिसकी बदले आज हमें यह आजादी नसीब हुई है। इस दिन स्कूल कॉलेजों वह सरकारी दफ्तरों में 15 अगस्त का आयोजन किया जाता है। अगर आप अपने स्कूल में पंद्रह अगस्त पर स्वतंत्रता दिवस पर भाषण तैयार करना चाहते हैं तो आपने हमारी वेबसाइट के माध्यम से भी तैयार की गई इस स्पीच ले सकते हैं। 

हमारा यह लेख विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक उपयोगी है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने Independence Day Speech In Hindi लिखा है।

15 August Speech In Hindi

15 August 2022 Speech In Hindi


स्वतंत्रता दिवस भाषण हिंदी :- आदरणीय अतिथि महोदय आदरणीय प्रधानाचार्य जी एवं सभी अध्यापक गण और अभिभावक तथा मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आज यह हम यहां पर 76 वा स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। आज ही के दिन हमें ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त हुई थी। 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश शासन से मुक्त हो गया और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। तभी से ही भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह आजादी हमें हमारे बहुत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सर्वोच्च बलिदान देने से प्राप्त हुई। तो आइए सबसे पहले हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करके सलाम करते हैं जिन्होंने हमें ब्रिटिश शासन से मुक्त करवाया और आजादी दिलाई। आज हम इतनी आजादी से जो यह स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं वह सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की देश के प्रति भक्ति और लगन के कारण ही मना रहे हैं। 

भूल न जाना भारत माँ के सपूतों का बलिदान

इस दिन के लिए जो हुए थे हंसकर कुर्बान

आज़ादी की ये खुशियाँ मनाकर लो ये शपथ

की बनायेंगे देश भारत को और भी महान

जब ब्रिटिश शासन के एक अधिकारी ने स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी मंगल पांडे को गोली मारी थी तभी से ही पूरे भारत में आजादी की लड़ाई की मुहिम छेड़ी गई थी। हमें यह आजादी आसानी से नसीब नहीं हुई थी इस आजादी को प्राप्त करने के लिए न जाने कितने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना बलिदान दिया था। इनमें सुभाष चंद्र बोस मंगल पांडे बाल गंगाधर तिलक चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह सुखदेव राजगुरु व अन्य वीर सेनानी जिन्होंने इस आजादी की लड़ाई में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। महात्मा गांधी ने भी आजादी के लिए कई आंदोलन चलाए जिसके कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। काफी अत्याचार सहने के बाद और संघर्ष करने के पश्चात 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। और इस दिन स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा लहराया। मैं उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए कुछ लाइन कहना चाहूंगी/ चाहूंगा। 

चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले
शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले
जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे
देशभक्तों के खून की वो धारा याद कर

आज इस शुभ अवसर पर आपको संबोधित करते हुए उन महान आत्माओं को मेरा शत्-शत् प्रणाम और श्रद्धाजंली देते हुए अपनी इन बातों को विराम देता हूँ, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय…. जय हिन्द….

Speech On 15 August In Hindi


स्वतंत्रता दिवस पर भाषण नंबर दो :- आदरणीय अतिथि महोदय आदरणीय प्रधानाचार्य जी एवं सभी अध्यापक गण और अभिभावक तथा मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आज यह हम यहां पर 76 वा स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।

यह हमारा 76 वा स्वतंत्रता दिवस समारोह है। 15 अगस्त 1947 को भारत देश एक स्वतंत्र राष्ट्र बना इसी दिन ही ब्रिटिश शासन समाप्त हुआ। हमारी आजादी पाने की जो संघर्ष गाथा वह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है। क्योंकि हमारी आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने जो बलिदान दिया उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। अतः हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आज याद करके हमारा यह स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। भारत के वीर योद्धाओं के कारण आज हमें यह आजादी नसीब हुई है उन वीरों को याद करते हैं और उन को सादर नमन करते हैं। 

उन वीर योद्धाओं के लिए मैं कुछ कहना चाहूंगी/चाहूंगा आशा करती हूं/करता हूं कि आपको यह जरूर पसंद आये। 

क्या समझोगे तुम इस युग में कि प्राण गवाने का डर क्या था,

क्या समझोगे तुम इस दौर में की अंग्रेजों के प्रतारण का स्तर क्या था।

क्या देखा है रातों रात, पूरे गांव का जल जाना।

क्या देखा है वो मंजर, बच्चों का भूख से मर जाना।

कहने को धरती अपनी थी, पर भोजन का न एक निवाला था।

धूप तो उगता था हर दिन, पर हर घर में अंधियारा था।

बैसाखी का पर्व मनाने घर-घर से दीपक निकले थे,

लौट न पाए अपने घर को, जो देश बचाने निकले थे।

जलियावाला बाग हत्या कांड वो कहलाया, जिसमें बच्चे-बूढ़े सब मर गए थे।

क्या कसूर था उन निर्दोशों का कि देनी पड़ी कुर्बानी थी,

क्या कसूर था उस बेबस मां का जिससे रूठी उसकी किलकारी थी।

धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ा, सब के सर पर क्रोध चढ़ा।

गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलवाया, तो हमने भी चौरा-चौरी कांड किया।

हमें बेबस समझते थे, इस लिये हमपर हुकूमत करते थे।

पर देश पर जान कूर्बान करने से, न हम भारत वासी डरते थे।

बहुत हुआ था तानाशाही, अब तो देश को वापस पाना था।

साम, दाम, दंड, भेद चाहे जो हथियार अपनाना था।

गांधी जी ने धीरज धरा और कहा अहिंसा को ही अपनाना है।

इंट का जवाब पत्थर नहीं होता, यह सबक अंग्रेजों को सिखाना है।

अहिंसा को हथियार बनाया, न कोई गोली-बंदूक चलाया।

फिर भी अंग्रेजों को हमने, अपने देश से खदेड़ भगाया

और उस तारीख को हमने, सुनहरे अक्षरों से गढ़वाया

यही हमारा स्वतंत्रता दिवस है भाइयों, जो शान से 15 अगस्त कहलाया।

जय हिन्द, जय भारत।

आज इस शुभ अवसर पर आपको संबोधित करते हुए उन महान आत्माओं को मेरा शत्-शत् प्रणाम और श्रद्धाजंली देते हुए अपनी इन बातों को विराम देता हूँ, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय…. जय हिन्द….

Independence Day Speech In Hindi


स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 3

इस प्रांगण में उपस्थित सभी सम्माननीय लोग, शिक्षक, मेरे सहपाठियों और उपस्थित अन्य सभी गणमान्य लोगों को मेरा प्रमाण (नमस्कार)। 15 अगस्त को इस स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर को मनाने के लिए हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं। इस शुभ अवसर की आप सभी को ढ़ेरों शुभकामनाएं और बधाई। आज इस शुभ अवसर पर मुझे आप सभी के बीच संबोधन करने का मौका मिला है उसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

दोस्तों, जैसा कि हम जानते हैं, 15 अगस्त हर भारतीयों के लिए एक सम्मान और गर्व का दिन है। 15 अगस्त सन् 1947 को हमारें सभी स्वतंत्रता सेनानीयों और क्रांतिकारीयों ने अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे देश को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त कराया था, और वो हमें अपने बलिदान और इस देश की आजादी का कर्जदार कर गएं। इसलिए हम इसे एतिहासिक रुप से उनकी याद और सम्मान में इस दिन को मनाते हैं। इसी दिन तकरीबन 200 वर्षों से हम भारतीयों पर अत्याचार कर रहें अंग्रेजी हुकूमत से हमें आजादी मिली थी, जो कि अतूलनीय है।

अंग्रेजी हुकूमत ने कई वर्षों तक हम भारतीयों पर अत्याचार किया और हमें गुलाम बनाकर रखा। एक कहावत है कि “पाप का घड़ा एक दिन अवश्य फूटता है”, और इसी कहावत के अनुसार 15 अगस्त के दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली और हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र हो गए। इस आजादी के अथक प्रयास में हमने अपने देश के कई महान व्यक्तियों को भी खो दिया। हमारे देश में ऐसे कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया जिन्होनें देश की आजादी के लिए अपनी जान तक की परवाह न की, और हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए। हमारे देश की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण योगदान महात्मा गांधी जी ने दिया, जिन्होनें ब्रिटिश शासन के खिलाफ सत्य और अहिंसा जैसे शस्त्र का प्रयोग कर उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। देश की आजादी में कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी जैसे जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चन्द्र बोष, भगत सिहं, चन्द्रशेखर आजाद इत्यादि कई ऐसे लोग थें जिन्होंने भारत की आजादी में अपना योगदान दिया और देश को अंग्रेजों की गुलामी के चंगुल से मुक्त करवाया।

हम बहुत भाग्यशाली हैं कि इतिहास में हमें ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मिले और उन्होंने न केवल देश को बल्कि आगे आने वाली पीढ़ियों को भी अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाया। इस कारण हम आज आजाद हैं और दिन प्रतिदिन नई-नई उपलब्धियों और नये मुकाम को हासिल कर रहें हैं।

तिरंगा हमारा है शान-ए-जिंदगी,

वतन परस्ती है वफ़ा-ए-जिंदगी,

देश के लिए मर मिटना कबूल है हमें,

अखण्ड भारत के स्वप्न का जूनून है हमें।

आजादी के 75 साल बाद आज हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति की ओर अग्रसर है। हमारा देश हर दिन अलग क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है, जैसे सैन्य ताकत, शिक्षा, तकनिकी, खेल और कई अन्य क्षेत्रों में यह हर दिन नया आयाम लिख रहा है। आज हमारी सैन्य ताकत इतनी अच्छी है कि दुनियां भर में इसकी मिसाल दी जाती है, और कोई भी देश भारत पर आंख उठाकर देखने में भी घबराता है। आज हमारी सैन्य ताकत आधुनिक हथियारों से लैस है, जो किसी भी दुश्मन को पलक झपकते ही मिटाने की ताकत रखता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि हमारा देश प्रचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है, और 15 अगस्त 1947 के बाद हमारे कृषि क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है। आजादी के बाद हम कृषि में नई तकनीक और फ़सल उगाने के नये तरीकों का इस्तेमाल कर अधिक मात्रा में फसल का उत्पाद करते हैं, और आज हमारा देश आनाज का निर्यात करने में सबसे आगे है। सन् 1965 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान तात्कालिक प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। और आज यह नारा काफी हद तक सिध्द होता है।

आज आजादी के बाद विज्ञान के क्षेत्र में भी हमने काफी तरक्की कर ली है। इस विज्ञानिक तकनीकी के कारण आज भारत चन्द्रमा और मंगल तक का सफर तय कर चुका है। नई विज्ञानिक तकनीकी को हर दिन नया कर हम देश को एक नई तरक्की की ओर ले जा रहे हैं। विज्ञान और तकनीक को हम अपने लिए हर क्षेत्र में अपना रहे है। सैन्य, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान और तकनीकी को अपनाकर हम खुद को प्रगतिशील देशों के समकक्ष खड़ा कर पाए हैं। आजादी के बाद हमने हर क्षेत्र में प्रगति की है और रोज नये आयामों को लिख रहे हैं।

आजादी के इस अवसर पर जहां हम देश के प्रगति के नये आयामों के बारे में चर्चा कर रहे है, वही हमें गुलामी के उस मंजर को कभी नहीं भुलना चाहिए, जहां हमारे महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने आजादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। आज भी उन महान व्यक्तियों को याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं। हमें आज के नये भारत की चकाचौंध में उन महान आत्माओं को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया।

आज इस शुभ अवसर पर आपको संबोधित करते हुए उन महान आत्माओं को मेरा शत्-शत् प्रणाम और श्रद्धाजंली देते हुए अपनी इन बातों को विराम देता हूँ, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय…. जय हिन्द….

FAQs


भारत अपना स्वतंत्रता दिवस कब मनाता है ?

15 August

भारत कब आजाद हुआ था ?

15 August 1947

यह भी पढ़ें –

रक्षा बंधन कब है, जानें राखी की तारीख और शुभ मुहूर्त | Raksha Bandhan 2022 Date

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया 15 August Speech In Hindi आपको पसंद आयी होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Leave a Comment